अपना
अपना
चाहे तुम कितना झुठलालो ,
अपना तो बस अपना है।
कुछ भी कर लो ख़ुशी मना लो ,
पर अपनों की याद न छूटे,
अपनों से कितना भी रूठो ,
अपनों के साथ ही रुचे।
अपने देश की बात क्या कहना,
पास अगर तो मोल न समझें,
दूर हुए तो मन भर आये ,
उसकी मिट्टी को भी तरसें ।
- कुसुम ठाकुर -
6 टिप्पणियाँ:
aoane to apane hote hain...
चाहे तुम कितना झुठलालो,
अपना तो बस अपना है।
-सत्य वचन!!
एक-एक पंक्ति अपने में सत्य को समेटे हुए...
बहुत बढिया
कुछ भी कर लो ख़ुशी मना लो ,
पर अपनों की याद न छूटे,
सौ टका सही बात
चाहे तुम कितना झुठलालो,
अपना तो बस अपना है
सही कहा कुसुम जी सुन्दर अभिवयक्ति शुभकामनायें
बिल्कुल सही कहा है आपने ......और सुन्दर बात है अपने तो सिर्फ अपने ही होते है !
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