शनिवार, 7 नवंबर 2009

भैया ये मधु के पास इतना माल निकला तो …………………………………

रात्रिकालीन सत्संग के बाद पूरी मंडली रुटीन मे विसर्जित होने से पहले पान खाने चौक पंहुची।लल्लू काफ़ी बिज़ी दिख रहा था,उसने पान देने से पहले रिक्वेस्ट खिला दी।सब की वंहा बड़बड़ शुरू हो गई।इसी बीच मौका देख कर लल्लू ने मुझसे पूछा आपके लिये भी लगाऊं क्या भैया?मैने उसे घूर कर देखा और उल्टे उससे पूछा कि मैं पान खाता हूं क्या?वो हमेशा कि तरह मुस्कुराया और बोला भैया मेरा काम तो पूछना है ना।मैने कहा जब मालूम है कि म्……………भैया काहे नाराज़ हो रहे हो मैं तो अपना ग्राहक बढाने की कोशिश करुंगा ना।मैने उससे पूछा कि ग्राहक बढने से क्या होगा?कमाई बढेगी और क्या होगा?उससे क्या होगा?अब वो मुझपर भड़क गया तो कमाई बढाने का हक़ आप लोगों को ही है।वो साला मधु…………….…।मैने उससे कहा लल्लू पान लगा पान्।




वो खामोश होकर पान लगाने लगा।तब तक़ उसके दूसरे ग्राहक पाने लेकर रवाना हो चुके थे और अब हमारी टीम ही बची थी।उसे भी मालूम था ये सब फ़ुरसतिया लोग हैं और कंझट(मीन-मेख निकालने वाले)भी हैं।सो वो भी फ़ुरसत से पान लगाने लगा।अचानक़ डाक्टर ने लल्लू से पूछा,लीडर से क्या पूछ लिया था लल्लू ?लीडर काहे उखड़ गया था?अरे कुछ नही भैया। कमाई-धमाई के बारे मे बात हो रही थी।मैने फ़िर घूर कर लल्लू को देखा तो वो हंस कर बोला डाक्साब पूछ रहे हैं भई,खुद नही बता रहे हैं।डाक्टर भी मूड मे था वो बोला लल्लू हमसे पूछो क्या पूछना है।लल्लू ने एक बार विजयी मुस्कान मेरी ओर फ़ेंकी और कहा डाक्साब ये मधु कोड़ा के पास इतना माल निकला है तो दूसरों के पास कितना होगा?डाक्टर मुस्कुराया,और उसने पूछा,स्कूल तो गया है ना लल्लू।लल्लू का जवाब था हां डाक्साब।तो ये भी याद होगा कि मास्साब गणित के सवाल कैसे हल करवाते थे?थोड़ा बहुत याद है डाक्साब।अबे जबकि जमाने वाला सिस्टम याद है कि नही?डाक्टर ने झुंझला कर पूछा तो वो बोला,आप ही बता देते तो ठीक ही रहता।




मैने डाक्टर की ओर देखा तो डाक्टर बोला इसका हक़ है कि ये जाने देश मे क्या-क्या हो रहा है।और फ़िर मुड़ कर वो बोला देख लल्लू मान लो तू रोज़ हज़ार रूपए कमाता है।अरे कंहा डाक्साब,लल्लू ने बीच मे ही टोका तो डाक्टर ने कहा कि लल्लू मान लो कि कहा ना मैने।गुरुजी बताते थे ना। लल्लू बोला कंहा डाक्साब ले देकर रोज़ी-रोटी चल रही है।अब मै बोला साले ये कौन सा इन्कम टैक्स वाला है,डर क्यों रहा है बे?करोड़ो का हिसाब किताब पूछ रहा था ना?अब लल्लू भी जोश मे आ गया वो बोला बताओ डाक्साब्।तो हज़ार रुपए रोज़ तो सौ दिन मे कितना।वो बोला एक लाख।ये हुई ना बात।तो फ़िर सौ दिन मे हज़ार तो ज़बकी जमाओ और बताओ हज़ार दिन मे कितना होगा?दस लाख्।शाब्बास लल्लू इसी तरह हिसाब लगाओ कि मधु ने दो साल मे चार करोड़ कमाये तो उससे बड़े प्रदेश के साधू ने पांच साल मे कितना कमाया होगा?डाक्साब मैं समझ नही पाया?अब मै बोला साले पान लगा पान्।समझ जाता तो आज तेरी जगह हम लोग हिसाब लगा रहे होते कि मधु ने दो साल मे चार करोड़ कमाये तो लल्लू ने पंद्रह साल मे कितने कमाये होंगे?समझा बे।और सुन रात भर हिसाब लगाना और फ़िर कल बताना,बाकि मैं समझा दूंगा।मैने कहा चलो इसकी कमाई हो रही है और ये अपने को टाईम पास समझ रहा है।सब वंहा से निकल तो गये लेकिन मेरे दिमाग मे ये सवाल अभी भी कौंध रहा है कि मधु ने दो साल मे इतना कमाया तो बाकि……………… खालिस्तान मैनें सभी के लिये छोड़ रखा है जिसे चाहिये अपनी पसंद के नेता को इसमे फ़िट करके हिसाब कर सकता है।

7 टिप्पणियाँ:

ब्लॉ.ललित शर्मा 7 नवंबर 2009 को 10:36 am बजे  

sabki talashi honi chahiye, ab ganit to smajh me aa gaya, lekin billi ke gale me ghanti bandhega kaun?

RAJNISH PARIHAR 7 नवंबर 2009 को 11:07 am बजे  

मधु भैया का ये हाल है तो फिर पुराने पापियों के बारे में तो सोचना ही बेकार है...

Anil Pusadkar 7 नवंबर 2009 को 11:25 am बजे  

ललित बहुत दिनो से ये सवाल मेरे भी दिल दिमाग मे खलबली मचाये हुये था आज मौका मिला तो सबके सामने रख दिया।

चंद्रमौलेश्वर प्रसाद 7 नवंबर 2009 को 11:51 am बजे  

अरे भैया, ये चक्कर तो चलता रहेगा....खोज होगी पैसे निकलेंगे, जनता खुश होगी पर लीडर तो है ही सुखराम, उसका कुछ नहीं बिगडेगा:) हां, अधिकारी फिर स्विट्ज़रलैंड... के चक्कर लगाएंगे जनता के पैसे पर, सब ठीक बोफ़र्स की तरह:-)

Unknown 7 नवंबर 2009 को 12:15 pm बजे  

aaj tak koi kuchh bigaad paaya hai in kaa.?

aalekh me ras aaya...khoob aaya.

dhnyavad !

डॉ टी एस दराल 7 नवंबर 2009 को 2:47 pm बजे  

किसी ने पूछा ---ये इतने पैसों का करते क्या है?
मैंने कहा --स्विस बैंक में रखते हैं.
लेकिन स्विस बैंक में रखकर क्या करते हैं?
मैंने कहा, भैया ये तो मुझे भी नहीं पता.
शायद , रखने वाले को भी पता ना हो.

पी.सी.गोदियाल "परचेत" 7 नवंबर 2009 को 3:13 pm बजे  

आपने मुद्दे को अच्छा प्रश्नवाचक चिन्ह दिया , अगर एक मधुकोडा चार साल में ४००० करोड़ रूपये का मालिक बन सकता है तो ये जो हमारे देश बहर के नेता इतने सालो से इस भारतीय राजनीति को गंदा किये है उनके पास कितना माल होगा ????????????????????????????????????????????????????????????????