शुक्रवार, 19 मार्च 2010

सॉरी नो "मोर" ब्लोगिंग -------->>> यशवंत मेहता "फ़कीरा"


  यह मोर ब्लॉग लिखता हैं

यह मोर भी ब्लॉग लिखता हैं


 अरे यह क्या लड़ पड़े??????

                                                          

                                                      सॉरी नो "मोर" ब्लोगिंग    

20 टिप्पणियाँ:

ghughutibasuti 19 मार्च 2010 को 5:49 pm बजे  

हाहाहा, यह बढ़िया रही।
घुघूती बासूती

भारतीय नागरिक - Indian Citizen 19 मार्च 2010 को 6:00 pm बजे  

कुछ नहीं कहना. अब बस.

ब्लॉ.ललित शर्मा 19 मार्च 2010 को 6:06 pm बजे  

हा हा हा
चित्रों ने ही सब कह दिया।

जोर दार पोस्ट
धांसु आईडिया।

शेफाली पाण्डे 19 मार्च 2010 को 6:15 pm बजे  

badhiya hai...no more blogging....

संगीता पुरी 19 मार्च 2010 को 6:25 pm बजे  

वाह !!

राज भाटिय़ा 19 मार्च 2010 को 8:34 pm बजे  

वाह मोरनी कितना सुंदर नाच रही थी..... लेकिन यह मोर .....यस नो मोर जी

ताऊ रामपुरिया 19 मार्च 2010 को 11:04 pm बजे  

नो मोर मत कहिये भाई, बल्कि कहिये अब मोर ही मोर.

रामराम.

Udan Tashtari 19 मार्च 2010 को 11:34 pm बजे  

बेहतरीन!!

बेनामी 19 मार्च 2010 को 11:44 pm बजे  

बहुत ही बढ़िया......व बहुत ही रोचक

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" 20 मार्च 2010 को 12:37 am बजे  

मोर लडने में मशगूल हैं और बेचारी मोरनी खडी देख रही है :-)

Khushdeep Sehgal 20 मार्च 2010 को 6:54 am बजे  

ये तो बता देते भाई, मोर धर्म को लेकर भिड़े या नारी विमर्श पर...

जय हिंद...

रंजन (Ranjan) 20 मार्च 2010 को 8:20 am बजे  

haa haa.. mast

अजित गुप्ता का कोना 20 मार्च 2010 को 10:50 am बजे  

भैया शीर्षक देखकर तो हम डर ही गए थे कि एक और पलायन? लेकिन यहाँ तो खेल ही दूसरा है। मोर भी ब्‍लागिंग कर रहे हैं। फिर तो लोग कहेंगे कि दिल मांगे मोर।

अजय कुमार 20 मार्च 2010 को 12:31 pm बजे  

संदेशमय सुंदर चित्र

प्रवीण शुक्ल (प्रार्थी) 20 मार्च 2010 को 1:23 pm बजे  

kya baat hai mitr
saadar
praveen pathik
9971969084

संगीता स्वरुप ( गीत ) 20 मार्च 2010 को 3:49 pm बजे  

शब्दों से ज्यादा चित्रों ने असर किया....बढ़िया पोस्ट

दीपक 'मशाल' 20 मार्च 2010 को 3:52 pm बजे  

mazedar raha.. :)

बेनामी 20 मार्च 2010 को 4:52 pm बजे  

नो,





मोर ब्लॉगिंग

विवेक रस्तोगी 20 मार्च 2010 को 5:02 pm बजे  

हा हा यह बढ़िया था, सब कुछ चित्रों से ही कह दिया।

Unknown 20 मार्च 2010 को 6:14 pm बजे  

bahut baDhiyaa bhaai