बुधवार, 28 अक्तूबर 2009

छत्‍तीसगढ स्‍वाभिमान मंच को नगाडा की जगह केला

संजीव तिवारी 

छत्‍तीसगढ स्‍वाभिमान को जगाने के लिए नगाडा बजाकर लोगों को एकजुट करने या पानठेले की जुबान पर कहें तो छत्‍तीसगढ में महाराष्‍ट्र जैसी चिंगारी फैलाने का प्रयास करने वाले भूतपूर्व सांसद ताराचंद साहू नें छत्‍तीसगढ के वैशालीनगर उपचुनाव में स्‍वयं अपना नाम वापस लेकर यद्धपि बतकही की है कि वे छत्‍तीसगढिया स्‍वाभिमान जगाने के लिए ताउम्र संघर्ष करते रहेंगें, इस विधानसभा चुनाव में वे इस कार्य का जुम्‍मा पार्टी की सदस्‍या रीता देशलहरा को  सौंपा है, परन्तु उन्हें नगाडा की जगह केला चुनाव चिन्‍ह के साथ सौंप दिया है। खबर है कि इस विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के भजन सिंह निरंकारी एवं भाजपा के जागेश्‍वर साहू सहित 19 प्रत्‍यासी चुनाव मैदान में हैं। छत्‍तीसगढ की ट्विन सिटी कहे जाने वाले दुर्ग-भिलाई नगर का वैशालीनगर विधानसभा क्षेत्र पिछले चुनाव में ही अस्तित्‍व में आया था और इस विधानसभा क्षेत्र से प्रदेश की मुखर एवं प्रभावशाली नेत्री सुश्री सरोज पाण्‍डेय नें रिकार्ड मतों से जीत हासिल की थी। उनके दुर्ग संसद क्षेत्र से सांसद चुन लिए जाने एवं विधायक पद छोडने के बाद यह उप चुनाव हो रहा है।


विगत चुनाव से निवृतमान सांसद ताराचंद के स्‍वाभिमान का हौवा इस कदर परवान चढ रहा था कि सभी दल एवं बुद्धिजीवी इससे चिंतित हो गए थे। सुश्री सरोज पाण्‍डेय नें अपने चुनाव के समय इस विधान सभा क्षेत्र में छत्‍तीसगढिया मतदाताओं को लुभाने के उद्देश्‍य से छत्‍तीसगढ के पारंपरिक वस्‍त्राभूषणों के साथ बडे बडे पोस्‍टर लगवाया था। इन पोस्‍टरों को देखकर स्‍वाभाविक रूप से इसे छत्‍तीसगढ स्‍वाभिमान मंच का जवाब प्रतीत होता था। उन दिनों स्‍थानीय पान ठेलों में चर्चा जमकर थी कि ताराचंद का स्‍वाभिमान बाजी मार लेगा किन्‍तु इस विधान सभा में तदुपरांत लोकसभा में भी सरोज नें स्‍थानीय स्‍वाभिमान के राजनैतिक स्‍वप्‍न को ध्‍वस्‍त करते हुए लघु भारत कहे जाने वाले भिलाई के भारतीय स्‍वाभिमान को कायम रखा।


इस उपचुनाव में ताराचंद नें कांग्रेस और भाजपा के प्रत्‍याशियों  की घोषणा के पूर्व छत्‍तीसगढ स्‍वाभिमान की बडी बडी बातें की स्‍वयं नामांकन भी भरा किन्‍तु जब नाम वापस लेने की बारी आई तो अपना नाम वापस ले लिया। अब पान ठेले पर चर्चा यह है कि ताराचंद नें साहुओं के स्‍वाभिमान के लिए मशाल उठाया था जैसे ही इस उपचुनाव में भाजपा से जागेश्‍वर साहू के नाम की घोषणा की गई उनका स्‍वाभिमान जाग गया और वे अपना नाम वापस लेकर रीता देशलहरा को छत्‍तीसगढ स्‍वाभिमान मंच का अधिकृत प्रत्‍यासी बना दिया। चर्चा करने वाले पिचकारी से पीकें थूंकते हुए कह रहे हैं कि छत्‍तीसगढियों के स्‍वाभिमान के लिए लडने की बातें राजनैतिक पैतरेबाजी थी इसीलिए लोकसभा में जनता नें इसे नकार दिया था। अब इस लोकसभा उप चुनाव में इस मंच की रही सही ताकत भी समाप्‍त हो जाएगी। अब जनता आपसी लडाई के भयंकर परिणामों का आंकलन स्‍वयं कर रही है और भेदभाव को मिटाने के लिए कपुरी बंगला के मिश्‍चर पान का लुफ्त उठा रही है।


पहले नगाडा को स्‍वाभिमान जगाने के उद्घोष के आमुख वाद्य के प्रतीक के रूप में प्रस्‍तुत करते हुए इस मंच नें भरपूर नगाडा बजाया था। अब चूंकि चुनाव चिन्‍ह नगाडा मंच को नहीं मिल पाया इसके बदले उन्‍हें केला चुनाव चिन्‍ह मिला है तो फुसफुसाहट के साथ पहेली यह है कि अब केला को स्‍वाभिमान में किसका प्रतीक बनाया जायेगा।

संजीव तिवारी 

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