tag:blogger.com,1999:blog-1800578818916214815.post5540922991194717411..comments2023-10-03T19:02:00.108+05:30Comments on चर्चा पान की दुकान पर: ज़मीर जाग उठाब्लॉ.ललित शर्माhttp://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-1800578818916214815.post-73453744632405726062009-12-10T23:28:22.307+05:302009-12-10T23:28:22.307+05:30वैसे समझदार को इशारा ही काफी है |
धन्य है मामीजी ?...वैसे समझदार को इशारा ही काफी है |<br />धन्य है मामीजी ?????शोभना चौरेhttps://www.blogger.com/profile/03043712108344046108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1800578818916214815.post-75926174268263252272009-12-10T12:40:20.029+05:302009-12-10T12:40:20.029+05:30विचारणीय पोस्ट है उन लोगो के लिए जो बिना दूसरो का ...विचारणीय पोस्ट है उन लोगो के लिए जो बिना दूसरो का ध्यान रखे किसी के घर जा धमकते हैं।<br />अब तो हम ्भी सोच विचार कर ही कही जाने का प्रोग्राम बनाएगेपरमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1800578818916214815.post-13929857265827540942009-12-10T12:21:17.662+05:302009-12-10T12:21:17.662+05:30सात बच्चे! सब एक ही दम्पत्ति के? धन्य हों मामा, जो...सात बच्चे! सब एक ही दम्पत्ति के? धन्य हों मामा, जो फिर भी बुलाया। उन्हें तो वीरता पुरुस्कार मिलना चाहिए।<br />बहुत रोचक लिखा है। वैसे मामी पागलखाने कैसे नहीं पहुँची, यह रहस्य है।<br />घुघूती बासूतीghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1800578818916214815.post-62069357959398405442009-12-10T10:11:56.687+05:302009-12-10T10:11:56.687+05:30अगर घर में सात बच्चे होंगे तो जमीर सोयेगा कब ? बे...अगर घर में सात बच्चे होंगे तो जमीर सोयेगा कब ? बेहतर रचना !पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1800578818916214815.post-32843549117164768182009-12-10T09:58:23.326+05:302009-12-10T09:58:23.326+05:30आत्म कथा वह छापिये, जिससे शुभ हो जाय.
वरना बैठे-ठा...आत्म कथा वह छापिये, जिससे शुभ हो जाय.<br />वरना बैठे-ठाले ही, अपना वक्त गँवाय.<br />अपना वक्त गंवाय, दर्द पाठक के सिर का.<br />जमीर जागा हो तो करें इलाज कुछ इसका.<br />यह साधक अब क्या बोलेगा इस कथा पर.<br />आप ही सोचें क्या होगा इस आत्म-कथा पर.Sadhak Ummedsingh Baid "Saadhak "https://www.blogger.com/profile/07864795175623338258noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1800578818916214815.post-37882376815271508052009-12-10T08:59:13.503+05:302009-12-10T08:59:13.503+05:30आज कल ऐसे मेहमानों की खातिरदारी ऐसे ही हो्ती है, क...आज कल ऐसे मेहमानों की खातिरदारी ऐसे ही हो्ती है, क्या जरुरत थी सात बच्चों की पलटन ले के जाने की, वो भी मुंबई मे, अच्छा हुआ जमीर जाग गया नही तो मामी धक्के मार के नि्कालने मे कोई कसर नही छोड़ती, और मामा जी, हे हे हे करते खड़े देखते। बहुत बढिया पोस्ट राजीव जी, आभारब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1800578818916214815.post-57594737936475745232009-12-10T08:59:05.262+05:302009-12-10T08:59:05.262+05:30आज कल ऐसे मेहमानों की खातिरदारी ऐसे ही हो्ती है, क...आज कल ऐसे मेहमानों की खातिरदारी ऐसे ही हो्ती है, क्या जरुरत थी सात बच्चों की पलटन ले के जाने की, वो भी मुंबई मे, अच्छा हुआ जमीर जाग गया नही तो मामी धक्के मार के नि्कालने मे कोई कसर नही छोड़ती, और मामा जी, हे हे हे करते खड़े देखते। बहुत बढिया पोस्ट राजीव जी, आभारब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1800578818916214815.post-40731796928617806642009-12-10T07:35:09.836+05:302009-12-10T07:35:09.836+05:30अच्छा हुआ जो समय पर जमीर जाग गया नहीं तो आगे पता न...अच्छा हुआ जो समय पर जमीर जाग गया नहीं तो आगे पता नहीं क्या होता? बहुत ही रोचक लगी आपकी यह पोस्ट राजीव जी।<br /><br />सादर <br />श्यामल सुमन <br />09955373288 <br />www.manoramsuman.blogspot.comश्यामल सुमनhttps://www.blogger.com/profile/15174931983584019082noreply@blogger.com